बारिश में अक्सर होती है फूड पॉइजनिंग की समस्या, जानें लक्षण, बचाव और उपचार

बारिश में अक्सर होती है फूड पॉइजनिंग की समस्या, जानें लक्षण, बचाव और उपचार

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस की वजह से सभी लोगों को जितना हो सके घरों में रहने को कहा गया है और लोगों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। ऐसी स्थिति में लोग घरों में रहते हुए बोर हो गये हैं। वहीं घरों में रहने की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हीं में एक समस्या इस समय सबसे ज्यादा पनप रही है वो है गैस्ट्रोंएंट्राइटिस। ये समस्या वैसे मानसून के आते ही अधिकतर फैलने लगती है। क्योंकि मानसून आथे ही मच्छर और बैक्टीरिया काफी सक्रिय हो जाते हैं जिसकी वजह इन्फ्लूएंजा, डेंगू, मलेरिया, टायफाइड और गैस्ट्रोएंट्राइटिस होना आम हैं। तो आज हम जानेंगे गैस्ट्रोएंट्राइटिस के बारे में, साथ ही उसके लक्षण, बचाव और उपचार।

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जानिए गैस्ट्रोएंट्राइटिस के लक्षण, बचाव और उपचार (Gastroentritis or Food Poisoning Symptoms Prevention and Treatment in Hindi):

गैस्ट्रोएंट्राइटिस

गैस्ट्रोएंट्राइटिस यानि फूड पॉइजनिंग इस मौसम में होने वाली आम समस्या है क्योंकि हवा में उमस होने के कारण बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।

लक्षण (Gastroentritis or Food Poisoning Symptoms in Hindi)

पेट में दर्द और मरोड़, जी मिचलाना और लूज़ मोशन

कैसे करें बचाव (Gastroentritis or Food Poisoning Prevention in Hindi)

  • ज्यादा तेल-मसाले वाले भोजन और नॉनवेज से दूर रहें।
  • घर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  • खाने की चीज़ों को हमेशा ढककर रखें।
  • घर में मौजूद वॉटर प्यूरीफायर की नियमित सर्विसिंग कराएं, अगर ऐसा पॉसिबल नहीं तो पानी को उबालकर पिएं।
  • सैलेड या फलों को खाते समय ही काटें, क्योंकि उन्हें काटकर छोड़ने पर उनमें बैक्टीरिया पनपने की आशंका रहती है।

उपचार (Gastroentritis or Food Poisoning Treatment in Hindi)

गैस्ट्रोएंट्राइटिस के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में सबसे पहले मेडिकल स्टोर पर मिलने वाला ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्युशन) को साफ पानी में घोल कर मरीज का पिलाएं। अगर इससे भी राहत न मिले तो डॉक्टर से सलाह लें।

कुछ जरूरी बातें

  • अपने हाथ-पैरों को संक्रमणरोधी साबुन से धोएं। अपने शरीर को तौलिए से सुखाने के बाद एंटी-फंगली पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करें।
  • त्वचा को बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन से उस में आसानी से जर्म्स का प्रवेश हो सकता है। घर में वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था रखें।
  • किचन और बाथरूम में बैक्टीरिया पनपने की आशंका अधिक रहती है। इसलिए ऐसी जगहों की सफाई के दौरान संक्रमणरोधी क्लीनर का इस्तेमाल करें।
  • घर के ड्रेनेज सिस्टम की जांच करें, अगर उसमें जरा भी रूकावट हो तो उसे तुरंत ठीक करवा लें, वरना इससे भी बीमारियां फैल सकती हैं।

 

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